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कैसा हो खानपान, 16 मई से 15 जुलाई तक

गर्मियों में लगातार पानी पीने से हमारी बॉडी का टेंपरेचर तो बना रहता है मगर ज्‍यादा पानी के चलते आंतों में मौजूद रस पानी में घुल कर कम हो जाता है।
summer food according to ayurveda. Image courtesy – Pixabay

15 मई के दिन वसंत खत्‍म हो गया और ग्रीष्‍म ऋतु शुरू हो गई। अब 16 मई से 15 जुलाई तक यही मौसम चलेगा। हिंदी के कैलेंडर के हिसाब से देखें तो ज्‍येष्‍ठ और अषाढ़ के महीने रहेंगे। आयुर्वेद कहता है कि मौसम बदला है तो खानपान भी बदलना होगा। अगर आपने इस मौसम के हिसाब से अपना भोजन नहीं बदलता तो आप नेचर के खिलाफ चले जाएंगे और इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।
इस मौसम में सूरज की किरणें बहुत तेज और झुलसानेवाली होती हैं ये तो आप महसूस कर ही रहे होंगे पर इसका शरीर के भीतर क्‍या असर पड़ता है ये हम आपको बताते हैं। इस मौसम में चाहे वो धरती हो या पेड़ पौधे, या फल सब्‍जी अथवा इंसान या जानवर सबमें पानी और रस की मात्रा कम हो जाती है। इसकी वजह से कड़वापन बढ़ जाता है।
गर्मियों में लगातार पानी पीने से हमारी बॉडी का टेंपरेचर तो बना रहता है मगर ज्‍यादा पानी के चलते आंतों में मौजूद रस पानी में घुल कर कम हो जाता है। इससे बॉडी में रोगों से लड़ने की ताकत भी कम हो जाती है और इंफेक्‍शन होने का खतरा बढ़ जाता है। तभी आपने देखा होगा कि इस मौसम में उल्‍टी और दस्‍त की प्रॉबलम बढ़ जाती है।

गर्मी के मौसम में कैसा हो खाना पीना
इस मौसम में बदन को ठंडक, पानी और चिकनाई देने वाला भोजन करना चाहिए। ठंडक से मतलब फ्रिज में ठंडा किया हुआ पानी या आइसक्रीम नहीं है इसका मतलब है ऐसे चीजें जिनकी तासीर ठंडी हो।

ताकत में नहीं आएगी कमी – किशमिश, मुनक्‍का, देसी घी, दूध, खजूर, चावल की खीर व रबड़ी जैसी चीजें खाने से आपकी ताकत बनी रहेगी। वैसे इस मौसम में सबकी ताकत में कमी आ जाती है चाहे वो इंसान हो या जानवर।

क्‍या पिएं ताकि बॉडी रहे कूल – नींबू की शिकंजी, ठंडाई, शर्बत, चांद की रोशनी में मटके में रखा हुआ पानी, बेल का शर्बत, फालसे का शर्बत, लस्‍सी, मैंगो शेक और सत्‍तू। इस मौसम में बॉडी में नमक कम हो जाता है इसलिए शर्बत में एक चुटकी नमक भी डाल लिया करें।

मौसम के हिसाब से सब्‍जियां चुनें – पेठा, तोरी, घीया या लौकी, चौलाई, करेला, परवल, खीरा, ककड़ी वगैरा खूब खाएं। प्‍याज और पुदीने से बनी चटनी बहुत फायदा करती है।

इन चीजों से परहेज करें – बासी दही, लहसुन, अमचूर, उड़द-अरहर की दाल, सिरका, चने की दाल, परांठे, पूरी, बेसन की पकौड़ियां, इमली, कचौड़ी, सरसों, काले चने वगैरा को खाने से गैस और पित्‍त की दिक्‍क्‍त बढ़ जाती है। तेज मिर्च मसाले से बचना चाहिए।

कुछ और जरूरी बातें – इस मौसम में नंगे पैर और नंगे सिर धूप में नहीं निकलना चाहिए। न तो खाली पेट रहें और न ही ठूस ठूस कर खाएं। धूप से आते ही तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। बिस्‍तर पर केले के पत्‍ते बिछा सकते हैं। अगर आप तड़के उठ सकते हैं तो जरूर उठें और सूरज निकलने से पहले नहा लें। मौसम के गर्म होने से पहले ही नहा लेंगे तो बॉडी की गर्मी ज्‍यादा नहीं बढ़ेगी। मौका लगे तो शाम को भी नहाना चाहिए। तेल की मालिश करके नहाने से बॉडी में एसिड नहीं बढ़ता। अगर असली चंदन है तो नहाने के बाद बॉडी पर उसका लेप कर सकते हैं।
घर से निकलने वक्‍त चाहे प्‍यास हो या न हो एक गिलास ठंडा पानी पीकर निकलें। इस मौसम में दिन में सोना फायदेमंद होता है। शराब वैसे तो पीनी ही नहीं चाहिए लेकिन जो लोग शराब पीने के आदी हो गए हैं, उन्‍हें इसकी मात्रा कम कर देनी चाहिए और उसमें ज्‍यादा पानी मिलाकर पीना चाहिए। इस मौसम में ज्‍यादा कसरत भी नहीं करनी चाहिए क्‍योंकि बॉडी में वैसे ही कमजोरी आ जाती है।

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2 comments

  1. Sir mera wait 72 kg hai or meri hight 5-9 inch hai meri age 20 years hai m without supliment body bnana chahta hon m 1saal se gym kar rha hoon agr aap mujhe kuch tips de plzz

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