अयान आज कैंसर से मुक्त हो चुका है, क्योंकि उसके पिता फिल्म अभिनेता इमरान हाश्मी ने सही समय पर सही फैसला लिया। यह एक पढ़े लिखे शख्स की चौकसी ही थी कि जरा से संदेह पर उन्होंने अपने बेटे की मुकम्मल जांच कराई और वाजिब इलाज कराया।
लेकिन हर पिता इमरान हाशमी नहीं होता जो कैंसर के इलाज के लिए अपने बेटे को कनाडा ले जा पाए। हर बच्चे की किस्मत अयान जैसी नहीं होती कि सही समय पर वाजिब इलाज मिल जाए। कैंसर बेहद खतरनाक था, खतरनाक है और खतरनाक रहेगा। कैंसर से लड़ना न पड़े इसके लिए कैंसर के बारे में पढ़ना जरूरी है।
धर्मशिला कैंसर अस्पताल के हेड ऑफ रेडियोथैरेपी डॉक्टर मनीष भूषण पांडे ने कुछ बेसिक सावधानियों की सूचि बनाई है, जिनका ध्यान रखने से आप कैंसर के खतरे से काफी हद तक बचे रहे सकते हैं।

1 डाइट में जोड़िए फाइबर
कई शोध कहते हैं कि फाइबरयुक्त डाइट भी कैंसर को रोकने में मददगार होती है। फाइबर युक्त भोजन पेट, मुंह, पाचन तंत्र और कोलेरेकटल जैसे कैंसर को रोकने में मदद करता है। इसके साथ-साथ, दिल संबंधी बीमारी, डायबीटीज से भी बचा जा सकता है। अपनी डाइट में आप सूखे मेवे, मटर, ब्राउन राइस, मक्का, दालें, रेशेदार सब्जियां, ओटस मील, हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।
धर्मशिला कैंसर अस्पताल के हेड ऑफ रेडियोथैरेपी डॉक्टर मनीष भूषण पांडे कहते हैं कि अनियमित खानपान कैंसर का एक बड़ा कारण होता है। मीट का ज्यादा प्रयोग, कैंसर के लिए जिम्मेदार है। वजन का बढ़ना भी स्तन और गर्भाश्य कैंसर के लिए जिम्मेदार है। भोजन में फाइबर की कमी, मुंह और आंत के कैंसर की संभावना को बढ़ाता है।
2 जानिए फल-सब्जियों को
पपीता, संतरा और विटामिन सी से भरपूर खट्टे फल, लीवर में पाए जाने वाले कार्सिनोजन को खत्म करने और कैंसर की कोशिकाओं को रोकने में मदद करते हैं। गाजर, आम, कद्दू, बीटा नामक कैरोटीन्स कैंसर को खत्म करने वाले कारक के रूप में जाने जाते हैं। यह मूत्राशय, पेट और स्तन कैंसर की रोकथाम में भी असरदार हैं।
टमाटर और तरबूज में लाइकोपीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है। जो कैंसर की रोकथाम में मदद करता है। फलियों में स्टार्च पाया जाता है, जो बड़ी आंत की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाता है और पेट के कैंसर को दूर करता है। ब्रोकली में सेलेनियम होता है। ये तत्व मेलेनोमा और प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए अच्छा माना जाता है।
3 ड्रिंक पर कीजिए कंट्रोल
शराब पीना कई तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यह पेट और स्तन कैंसर को भी बढ़ावा देता है। यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस एक सर्वे कहता है कि पुरूषों में दिन में 3 से 4 और महिलाओं में 2 से 3 पैग से ज्यादा नहीं लेना चाहिए। शोधकर्ता डेमी सेले डेविस कहती हैं ज्यादा मात्रा में एल्कोहल का सेवन मुंह, आंत, ब्रेस्ट और जिगर कैंसर को बढ़ाता है।
ड्रिंक के विकल्प के रूप में चाय, कॉफी, फलों का रस ले सकते हैं। इससे कैंसर का खतरा कम होगा। गाजर का जूस विटामिन ए,बी,सी जैसे कई विटामिनों और पोटैशियम, कैल्शियम, जिंक, फॉस्फोरस, खनिज से भरपूर होता है। गाजर हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, इसमें कैंसर विरोधी गुण भी पाए जाते हैं।
4 मीट में कीजिए कटौती
यूनिवर्सिटी ऑफ कैर्लिफोनिया का एक सर्वे कहता है कि मीट खाने वाले लोगों के मुकाबले शाकाहारी लोगों में कैंसर का खतरा 50 प्रतिशत कम होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि रेड मीट कैंसर रोग की संभावना को कई गुना बढ़ा देता है, इसलिए कम से कम मीट खाना चाहिए। शोधकर्ता डा. अजित वर्की Dr Ajit Varki का कहना है ज्यादा मात्रा में रेड मीट लेना, आंत और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
पानी ज्यादा पीजिए – अक्सर हम पानी पीने से परहेज करते हैं, लेकिन यह हमारे लिए कई तरह से मददगार होता है। पानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ-साथ शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकालता है और शरीर के हर हिस्से में पोषक तत्व पहुचाने में भी मदद करता है।
5 सही ढंग से बनाइए खाना
हेल्दी डाइट के साथ-साथ खाना बनाने का तरीका भी सही होना बेहद जरूरी है। खाने को सही प्रकार से पकाना, सही तरीके से तलना, भाप देना जरूरी है, जिससे भोजन में मौजूद कैंसर विरोधी तत्व खत्म न हो और विटामिन और खनिज भी बने रहें। इसलिए भोजन सही तरीके से पकाएं और पानी का उचित मात्रा में प्रयोग करें।
मसाले भी हैं जरूरी – रोजमर्रा की डाइट में प्रयोग होने वाले लहसुन और प्याज में सल्फर कंपाउंड तत्व पाए जाते हैं, जो बड़ी आंत, स्तन और फेफड़े के कैंसर की रोकथाम में मदद करते हैं। हल्दी और गर्म मसाला प्राकृतिक औषधि हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को मारकर ट्यूमर बढ़ने से रोकती है। अदरक भी कैंसर की रोकथाम में मदद करती है। इनके प्रयोग से फेफड़े, मुंह, मलाशय, यकृत किडनी, स्किन, ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम हो जाता है।