
जिस तरह से बॉडी बनाने के लिए कसरत जरूरी है उसी तरह से मसल्स को लचीला रखने, स्किन को तंदरुस्त रखने और बॉडी में ब्लड फ्लो को दुरुस्त रखने के लिए मालिश जरूरी है। जिम करने से अक्सर हमारे मसल्स सख्त हो जाते हैं। जो लोग हमेशा एक जैसे शेड्यूल पर चलते हैं और जिम के अलावा अन्य फिजिकल एक्टीविटी में इनवॉल्व नहीं होते हैं उनकी बॉडी ग्रो करना बंद कर देती है या गेनिंग बहुत टफ हो जाती है। मालिश से हम मसल्स को सीधे खुराक देते हैं। जिम जाने वालों को सप्ताह में कम से कम एक दिन मालिश जरूर करनी चाहिए।
कितनी तरह से होती है मालिश
मालिश कई तरह से की जाती है। तेल मालिश, सूखी मालिश, ठंडी मालिश – गीले तौलिये से, पाउडर मालिश और इलेक्ट्रॉनिक मसाजर से मालिश।
किस तरह की परेशानी में कैसी मालिश करनी चाहिए
1 फैट कम करना हो तो – मोटापा कम करने के लिए सूखी व ठंडी मालिश की जाती है।
2 जोड़ों के दर्द, पीठ का दर्द, पोलियो, साइटिका के दर्द में गर्म-ठंडी मालिश और इलेक्ट्रॉनिक मसाजर से मसाज करें।
3 थकान दूर करने के लिए रात को सूखी या पाउडर से मालिश कर सकते हैं।
4 कमजोर और कम वजन वालों को तेल से मालिश करनी चाहिए।
5 नींद न आती हो, बदन में ज्यादा गर्मी हो, जलन हो, सूखी खारिश हो या हाथ पांव में सरसराहट होती है तो ठंडी मालिश फायदा पहुंचाती है।
6 दिल के रोगों में ठंडी मालिश की जाती है। ठंडी मालिश दिल से नीचे की ओर की जानी चाहिए।
मालिश कैसे की जाती है
मालिश करने के लगभग सभी तरीके हमारे बड़े बुजुर्ग जानते हैं। हाथों से दबाना, थपथपाना, खड़ी थपकी देना, सहलाना, मुक्के मारना, दबाना, मरोड़ना व रगड़ने के अलावा भी कई तरीके हैं जिनसे मालिश की जाती है।
कैसे करें तेल से मालिश – जब तेल से मालिश करें तो हाथ दिल की ओर ले जाएं। हाथ को ढीला रख कर दबाव डालते हुए मालिश करें। आप मालिश खुद भी कर सकते हैं वैसे किसी से करवाएंगे तो ज्यादा ठीक रहेगा। पेट पर दाएं से बाईं ओर गोला बनाते हुए मालिश करें। नाभि से गोलाकार करते हुए धीरे धीरे गोला बढ़ाते हुए अपनी बड़ी आंत पर आ जाएं।
हर दिन नहाने से पहले पूरे बदन पर पांच से सात मिनट तक हल्की मालिश करें। चाहें तो तेल लगाकर करें। चाहें तो नहाते वक्त गीले तौलिए से सारे बदन की मालिश करें।
छाती पर कैसे करें मालिश – चेस्ट पर तेल लगाकर हाथों को बीच में रखें और थोड़ा सा दबाव बनाते हुए बाहर की ओर मालिश करें। हाथों की कटोरी बनाकर लगातर हल्के हल्के थपथपाएं। इससे दिल और फेफड़ों को बहुत फायदा पहंचता है।
बेहोशी ला देती थी मालिश
एक वक्त था जब मालिश करके लूटने वाला गैंग स्टेशनों पर सक्रिय होता था। इसके सदस्य बहुत ही कम पैसे में मालिश करते थे। वह इतनी बेहतरनी मालिश करते थे कि सफर से थका हुआ शख्स तुरंत गहरी नींद में चला जाता था और ये लोग उसका सामान लेकर रफूचक्कर हो जाते थे। मालिश एक विज्ञान के साथ एक कला भी है। बच्चों की परवरिश में मालिश का अहम रोल होता है।
साभार – योग और भोजन द्वारा रोगों का इलाज