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बारिश के मौसम में क्‍या नहीं खाना चाहिए

किस मौसम में क्‍या खाना चाहिए और क्‍या नहीं इसके नियम साफ साफ शब्‍दों में आयुर्वेद में लिखे हैंत। आयुर्वेद के नियम लंबी रिसर्च और अनुभव के आधार पर बने हैं। हमारे बुजुर्ग जब परहेजों का जिक्र करते हैं वो दरअसल आयुर्वेद में बताए गए नियमों का ही जिक्र कर रहे होते हैं।
हर मौसम में हवा, नमी और तापमान बदलता है। इसका पूरे नेचर पर प्रभाव पड़ता है। आप जरा गौर करें, हर मौसम में अलग अलग फल और सब्‍जियां बाजार में आते हैं। हर मौसम में हमारे पहनावे में बदलाव होता है। पंखा, कूलर या एसी या हीटर सब मौसम के हिसाब से चलते और बंद होते हैं। हमारा शरीर भी इसी तरह से बदलता है। ऐसे में हम यह कैसे मान सकते हैं कि हर चीज हर मौसम में खाई जा सकती है। खाने में तो कोई दिक्‍कत नहीं है मुंह में डाला और खा गए पर दिक्‍कत शरीर को होती है और जरूरी नहीं है कि नतीजा एक दो दिन मे ही सामने आ जाए। कुछ नुकसान लंबे वक्‍त के बाद सामने आते हैं।
भारी गर्मी और लू के बाद बरसात का मौसम आता है। माहौल में चारों ओर नमी रहती है, मगर जब बारिश नहीं हो रही होती तो धूप बेहद तेज हो जाती है और उमस बढ़ जाती है। इस मौसम में हवा और पानी दोनों प्रदूषित हो जाते हैं। आप गौर करें, पानी के स्‍वाद और उसकी महक में भी बदलाव आ जाता है। बारिश के चलते धरती से गैस निकलती है और पानी में एसिड बढ़ जाता है।

इस मौसम में हाजमे की ताकत काफी कमजोर हो जाती है। आयुर्वेद की भाषा में बात करें तो गर्मी के मौसम में बना वात दोष और बिगड़ जाता है। इसके चलते पेचिश और डायरिया जैसे रोग पैदा होते हैं। पेट में गैस ज्‍यादा बनती है और पेट फूलने लगता है। अब ऐसे में जब आप वो चीजें खाते हैं, जिनकी इस मौसम में मनाही है तो मामला और बिगड़ जाता है।

इन चीजों से करें परहेज

चने की दाल, मोठ, उड़द, मटर, मसूर, मक्‍का, आलू, कटहल जैसी भारी और गैस बनाने वाली चीजें नहीं खानी चाहिएं। रुखा और बासी खाना भी न खाएं। पत्‍तेदार सब्‍जियों के साथ दही का इस्‍तेमाल न करें। रात के वक्‍त दही या छाछ न पिएं। जैम, मुरब्‍बा, अचार, कलौंजी से बचें। दिन के समय सोना नहीं चाहिए और ज्‍यादा मेहनत नहीं करनी चाहिए।
बारिश का मौसम जब खत्‍म होने को हो तो तेज मसाले वाली चीजें, बेसन की पकौड़ियां, तली हुई, खट्टी और गर्म तासीर वाला खानपान न करें।

बारिश के मौसम में क्‍या खाएं

ऐसा खाना खाएं जो आराम से पच जाता हो। गर्म खाना खाया करें। सब्‍जियों में तोरी, लौकी, टमाटर, भिंडी, प्‍याज, पुदीना ले सकते हैं। फलों में अनार, सेब, केला, आडू आदि खाएं। खाने में गेहूं, चावल, जौ, मूंग की दाल, खिचड़ी, सरसों, दही, लस्‍सी ले सकते हैं। खाने में काली मिर्च, धनिया, अदरक, हींग वगैरा डालें। अगर चौलाई मिले तो जरूर खाएं। इस मौसम में इसे खाना खासतौर पर पेट के लिए अच्‍छा रहता है। बरसात में नॉन वेज नहीं खाना चाहिए।

कुल मिलाकर
यह बात ध्‍यान रखें कि इस मौसम में हाजमा कमजोर हो जाता है और पेट में गैस बनती है तो ऐसी चीजें जिनसे गैस बनती हो या जो आसानी से हजम नहीं होतीं, न खाएं।

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3 comments

  1. shailendra dubey

    Very good advise.

  2. Hello sir mera naam salman h mera Weight 59 kg h or height 5.5 h sir mujhe gaining krni h abs ke sath sir mera biceps abhi 14 inch ka h chest weak h sir chest ko kaise badhau me week me ek ek bar har body parts lgata hu mujhe kya krna hoga jisse meri chest achi ho jaye or mera size bhi gain ho jaye sir agar hamari body me vitamins,calcium or minerals ki kami nhi h to tablets le skte h ya nhi acha sir me abhi protein le rha hu suna h protein ke sath gaining krne me bahut samay lag jata h to kya me gainer le skta hu plz reply sir thank you

    • देखो गेनर हम ऐसे लोगों को सजेस्ट करते हैं जो बहुत ही ज्यादा कमजोर टाइप के होते हैं। आपकी हाइट के हिसाब से देखें तो बहुत कमजोर नहीं हैं। इसलिए अगर सप्लीमेंट ले रहे हैं तो व्हे प्रोटीन ही लें। गेनर से फैट आता है। दूसरी बात आपका साइज तब तक नहीं बढ़ेगा, जब तक आप उम्दा डाइट नहीं लेंगे। सप्लीमेंट केवल मदद करते हैं उनके बदौलत बॉडी नहीं बनाई जाती। दूसरी बात, हमारी पूरी बॉडी एक यूनिट है। हां ये है कि हम किसी पार्ट की कम या किसी पार्ट की ज्यादा कसरत कर लेते हैं, मगर इसका ये मतलब नहीं है कि हम किसी एक पार्ट की ही कसरत करें और उसे बना लें। आपको ऐसा कोई बॉडी बिल्डर दिखाई नहीं देगा जिसका केवल एक बॉडी पार्ट बना होगा। हमें हर बॉडी पार्ट की कसरत करनी होगी। यही ग्रोथ का तरीका। किसी एक पार्ट के पीछे भागेंगे तो उसकी ग्रोथ ही रुक जाएगी। ये हो सकता है कि हां भई फंला आदमी के बाइसेप्स बहुत सही हैं या फलां की बैक बहुत अच्छी है। मगर ये नहीं हो सकता कि फलां आदमी की पूरी बॉडी में बस कुछ नहीं है बस बाइसेप्स है बस बैक है। हर बॉडी पार्ट की कसरत करें।
      7 में से पांच दिन जिम करें। एक दिन एक बॉडी पार्ट की 4 कसरत करें। ट्राइसेप्स और बाइसेप्स एक ही दिन करें और उसके अगले दिन रेस्ट रखें। तीन से चार सैट लगाएं और रैप 6 से 12 के बीच रखें। डाइट में आपको बॉडी वेट के प्रतिकिलो पर एक से डेढ़ ग्राम प्रोटीन चाहिए होगा। गेनिंग करना एक प्रोसेस होता है हमें लंबे समय तक उम्‍दा डाइट लेनी होती है। आपको अपनी जरूरत से 500 से 700 कैलोरी हर दिन ज्यादा लेनी होती है, तब जाकर गेनिंग शुरू होती है।
      आलू, केले, राजमा, सोया चंक्स, चिकन, अंडे, मक्कखन, मूंग की दाल, मूंगफली, पनीर, सलाद, दूध ये सभी चीजें आपकी डाइट में होनी चाहिए कम या ज्यादा।

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